child development in hindi
Child development in hindi
Online mock test, Jac Tet, Jharkhand Tet,TET
Quiz mela लाया है आज आप के लिए Jharkhand Tet online mock test.
Online mock test, Jac Tet, Jharkhand Tet,TET
Quiz mela लाया है आज आप के लिए Jharkhand Tet online mock test.
Socialization process
समाजीकरण प्रक्रिया
समाजीकरण की प्रक्रिया के बारे में दो शब्द-
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है 1 समाज में उसका पालन पोषण होता है । समाज में रहते हुए वह अपनी समाज की मर्यादायें सीखता है और सामाजिक उत्तरदायित्व का वहन करता है । ऐसा कस्ते हुए उसका एक दिन अन्त हो जाता है । व्यक्ति और समाज यद्यपि कि दो शब्द हैं लेकिन दोनों एक दूसरे कं पूरक हैं । व्यक्ति से समाज बनता है और समाज व्यक्ति कं कल्याण कं लिए कार्यं करता है । सामाजिक बिकास का अर्थ है समाज की परम्पराओं, माव्यताओं तथा सम्बन्धों का निर्वहन तथा समाज में समायोजन स्थापित करना । समायोजन कं अभाव में व्यक्ति सामाजिक प्राणी नहीं बन सकता।
समाजीकरण का तात्पर्यं उस प्रक्रिया से है जिसर्क द्वारा व्यक्ति अपने समूह की मान्यताओं और मानदपडों कं अनुसार तथा सामाजिक सम्भावनाओं कं अनुकूल व्यवहार करना सीखता है । समाजीकरण में व्यक्ति द्वारा उन योग्यताओं को प्राप्त किया जाता है जो सामाजिक नियमों, मान्यताओं, रीतिडरिवाजों और सम्भावनाओं कं अनुसार हों 1
समाज ही मनुष्य को सभ्य बनाता है । सामाजिक अपेक्षाओं कं अनुसार व्यवहार करने की योग्यता, सामाजिक सम्बन्धों में परिपक्वता ग्रहण करना, दूसरों क साथ सहयोग करने की योग्यता ग्रहण करना, समाज की परम्पराओं और रीति-रिवाजॉ कं अनुकूल स्वंय को ढालने की योग्यता व आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की योग्यता आदि समाजीकरण कं बिभिन्न पक्ष हैं । समाजीकरण व्यक्ति को इस योग्य बनाता है कि वह अपनी सामाजिक परिस्थितियों कं साथ अनुकूलन करता हुआ समाज कं अन्य व्यक्तियों कं अनुरूप व्यवहार कर सकें।
'शिक्षा' बालक बिकास Child Devlopment का साधन है और बाल विकास उसकं वंशानुक्रम एवं पर्यावरण पर निर्भर करता है । वालक का उतना ही विकास कर सकते हैं जितनी उसमें जन्मजात विकास शक्तियाँबुद्धि और अभिक्षमता आदि होते हैं। यह विकास भी तभी कर सकते हैं जब उसकं लिए आवश्यक वातावरण प्रस्तुत करें। यही कारण हैं कि जब शिक्षा कं क्षेत्र में सर्वप्रथम बच्चों कं वंशानुक्रमीय गुणों का पता लगाया जाता है और फिर तदनुकूल वातावरण का सृजन किया जाता है ।
वंशानुक्रम मनुष्य को जन्मजात शक्तियाँ प्रदान करती है ओंर पर्यावरण इन शक्तियों को विकसित होने की सुविधाएँ तथा अवसर प्रदान करता है । वंशानुक्रम जन्मजात गुण है तथा पर्यावरण अर्जित गुण । जन्मजात तथा अर्जित गुणों कं योग से मनुष्य में व्यक्तित्व की रूपरेखा निर्धारित होती है 1 वस्तुत: मनुष्य व्यवहारों पर दोनों की स्पष्ट छाप होती है । वंशानुक्रम को बीज तथा पर्यावरण को पोषण कं रूप में भी कहा जाता है है। जैसा बीज होगा वैसी उत्पत्ति होगी, परन्तु पोषण विकास की गुणवत्ता को बढा देता है ।
जन्म से संबंधित विकास को 'वंशक्रम’ तथा समाज से संबंधित विकास को ‘पर्यावरण (वातावरण) कहते हैं, इसे प्रकृति तथा पोषण भी कहा जाता है । बुडवर्थ का कथन है कि एक पौधे का वंशक्रम उसकं बीज में निहित है और उसकं पोषण का दायित्व उसकं वातावरण पर है । वंशक्रम तथा वातावरण का अध्ययन ' प्राणी कं बिकास तथा वातावरण की अत:क्रिया का परिणाम है ।
child development in hindi
अगर आप अपने इस online mock test में कोई सुधार चाहते है तो कांमेंट बाक्स में लिखें।
No comments:
Post a Comment