"Practice thousands of free online practice test online mock test questions and review answers with detailed solutions & performance analysis. Online Exam preparation for recruitment exams - IBPS, RRB, SBI, SSC,JH TET,JAC RANCHI BORD,QUIZMELA ONLINE MOCK TEST IN HINDI.

Breaking

Post Top Ad

Friday, March 27, 2020

Child Devlopment in Hindi online mock test 5

                           Child Devlopment in Hindi online mock test 5

online mock test, Jac Tet, Jharkhand Tet,TET
Quiz mela लाया है आज आप के लिए  Jharkhand Tet online mock test.

Child Devlopment in Hindi online mock test 5



Choncept of Child Centerd and Progressive Education " Online mock Test"
Jac Ranchi Tet Exame 2020-21

बाल केन्दित शिक्षा प्राचीन काल से ही भारत मेँ शिक्षा को आत्मज्ञान और आत्म-प्रकाशन का साधन माना जाता है । भारतीय मनीषियों ने शिक्षा का अर्थ के संबंध में कहा है कि शिक्षा मनुष्य में छिपी हुई क्षमताओं को विकसित कर वास्तविक धरातल पर लाने में सहायता करती है । शिक्षा का अर्थ है कि मनुष्य में पहले से ही कुछ सामर्थय किसी न किसी रूप में विद्यमान रहती हैं । शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य में विद्यमान सर्वोत्तम गुणों को बाहर निकाला जाता है और उसकी छिपी हुई क्षमताओं को प्रकट किया जाता है । किन्तु आधुनिक शिक्षा में बालकों के सर्वागीण विकास पर जोर दिया जाता है । आज की शिक्षा पद्धति बाल केन्दित है । वैयक्तिक विभिन्नता के कारण इसमें प्रत्येक बालक की ओर अलग से ध्यान दिया जाता है । आधूनिक शिक्षा व्यवस्था में बालक की वैयक्तियता को ध्यान मे रखते हुए उसकी आवश्यकताओं, अभिरूचियों और योग्यताओं का पूरा ध्यान दिया जाता है । शिक्षक बालकों के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाकर उन्हें मदद करते हैं। परम्परागत शिक्षण में पाठयक्रम कं आधार पर शिक्षा दिया जाता था लेकिन आज की बाल मनोविज्ञान पर आधरित शिक्षा में ’छात्र कंन्दित विधि कं आधार पर ध्यान दिया जाता है । इसमें बालक शिक्षण आघिगम प्रक्रिया का केन्द्र बिन्दु होता है, जिसके चारो और सम्पूर्ण शिक्षा प्रक्रिया घूमती है । बच्चों ने वास्तव में क्या सीखा इस पर ध्यान दिया जाता है । इस प्रक्रिया में शिक्षक कं साथ अभिभावक, समुदाय, सहयोगियों से भी सहायता ली जाती है । वाल केन्दित उपागम, बालकों के लिए उपयोगी होता है । शिक्षक के लिए यह एक चुनौतिपूर्ण कार्य भी है, क्योकि उन्हें हर एक बालक की विशेषताओं पर ध्यान देना पडता है । साथ ही, शिक्षकों को पिछडे हुए, समस्याग्रस्त, विकलांग, मन्दब्रुद्धि तथा प्रतिभाशाली बालकों  के लिए अलग से पाट्यक्रम भी बनाना पडता है । शिक्षक को केवल शिक्षा एवं पद्धति के बारे में ही नहीं बल्कि बालक के बारे में भी सम्पूर्ण जानकारी होता है कि वह बालक कहॉ तक बिकास कर सकता है । इस तरह बेहत्तर छात्र निष्पादन

के लिए शिक्षक की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाती है ।

Child Development

  1. निम्न में से कौन-सी बाल केंद्रित शिक्षा की विशेषता नहीं है।

  2. बालक के मनोविज्ञान को समझना।
    बालक के संपूर्ण विकास पर जोर देना।
    बालक के केवल और केवल तथ्यात्मक ज्ञान पर जोर।
    बालक की मानसिक स्थिति को समझते हुए उसकी समस्याओं को दूर करना।

  3. निम्नलिखित में से बाल केंद्रित शिक्षा के संबंध में किसका महत्व सर्वाधिक है।

  4. कि शिक्षक कितना ज्ञानी है।
    शिक्षक बालक का कहां तक विकास कर पाता है।
    शिक्षक बालक को कितने अच्छे से पहचानता है।
    शिक्षक विद्यालय का विकास करने में सक्षम है।

  5. प्रगतिशील शिक्षा के लिए किन बातों को ध्यान में रखा जाता है।

  6. इसमें बालक की प्रगति के लिए केवल सिद्धांतो के आधार पर शिक्षा दी जाती है।
    इसमें केवल बालक के नैतिकता एवं सामाजिकता के विकास पर जोर दिया जाता है।
    इसमें सिद्धांतों को रखने पर जोर दिया जाता है।
    इसमें शिक्षण विधि को अधिक व्यावहारिक करने पर जोर दिया जाता है।

  7. निम्न में से बाल केंद्रित शिक्षा पर क्या संभव नहीं हो सकता है।

  8. प्रत्येक बच्चे पर अलग-अलग ध्यान नहीं देना चाहिए।
    प्रत्येक बालक की विशेष आवश्यकताओं की पहचान करना।
    सखी एक बालक पर शिक्षक द्वारा विशेष ध्यान दिया जाना।
    बाल मनोविज्ञान की सहायता से बच्चों के पाठ्यक्रम में सुधार लाना।

  9. प्राचीन काल की शिक्षा केंद्रित होती थी।

  10. आदर्शवाद।
    प्रयोग एवं अनुसंधान।
    बालक को समझना।
    पाठ्यक्रम।

  11. किन किन सिद्धांतों के आधार पर प्रगतिशील शिक्षा की नींव रखी गई।

  12. मौलिक प्रवृत्तियां।
    मस्तिष्क एवं बुद्धि।
    चिंतन की प्रक्रिया।
    उपर्युक्त सभी।

  13. परीक्षा और मूल्यांकन से पता चलता है।

  14. वह क्यों असफल हुआ।
    वह क्यों सफल हुआ।
    वह क्यों उन्नति कर रहा है।
    उपर्युक्त सभी।

  15. प्रगतिशील शिक्षा में एक शिक्षक का क्या महत्व है।

  16. शिक्षक एक आदर्श है।
    शिक्षक अभिभावक के समान है।
    शिक्षक मार्गदर्शन का कार्य करता है।
    शिक्षक समाज सेवक है।

  17. प्रोजेक्ट प्रणाली का प्रयोग शिक्षा पद्धति के अंतर्गत किया जाता है।

  18. प्रगतिशील शिक्षा।
    वैदिक शिक्षा।
    पारंपरिक शिक्षा।
    उपर्युक्त में से कोई नहीं।

  19. आधुनिक शिक्षा प्रणाली के एक समर्थक के रूप में आपके अनुसार बालक की शिक्षा किस पर आधारित होनी चाहिए।

  20. बालक के आर्थिक स्तर पर।
    बालक के अभिरुचि एवं उसकी इच्छा पर।
    बालक की सामाजिक स्थिति पर।
    बालक के मूल प्रवृत्तियों प्रेरणा और संवेंग पर।

NEXT
QUIZMELA में और अधिक परीक्षा के ONLINE MOCK TEST के लिए कामेंट बाक्स में लिखें।


No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Pages